Download Parshuram Kavach Stotram Lyrics in Hindi PDF
File name | Parshuram Kavach परशुराम कवच Storam Lyrics in Hindi PDF |
No. of Pages | 3 |
File size | 0.3 MB |
Date Added | May 04, 2022 |
Category | Religion |
Language | Hindi |
Source/Credits | – |
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Parshuram Kavach Storam Lyrics in Hindi
Parshuram Kavach Stotram in Hindi
श्री परशुराम कवच स्तोत्र
कराभ्यां परशुं चापं दधानं रेणुकात्मजं ।
जामदग्न्यं भजे रामं भार्गवं क्षत्रियान्तकं ॥१॥
नमामि भार्गवं रामं रेणुका चित्तनन्दनं ।
मोचितंबार्तिमुत्पातनाशनं क्षत्रनाशनम् ॥२॥
भयार्तस्वजनत्राणतत्परं धर्मतत्परम् ।
गतगर्वप्रियं शूरं जमदग्निसुतं मतम् ॥३॥
वशीकृतमहादेवं दृप्त भूप कुलान्तकम् ।
तेजस्विनं कार्तवीर्यनाशनं भवनाशनम् ॥४॥
परशुं दक्षिणे हस्ते वामे च दधतं धनुः ।
रम्यं भृगुकुलोत्तंसं घनश्यामं मनोहरम् ॥५॥
शुद्धं बुद्धं महाप्रज्ञापण्डितं रणपण्डितं ।
रामं श्रीदत्तकरुणाभाजनं विप्ररंजनम् ॥६॥
मार्गणाशोषिताभ्ध्यंशं पावनं चिरजीवनम् ।
य एतानि जपेन्द्रामनामानि स कृति भवेत् ॥७॥
॥ इति श्री प. श्री वासुदेवानंदसरस्वतीविरचितं श्री परशुराम स्तोत्रं संपूर्णम् ॥

भगवान परशुराम की आरती
ओउम जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।।
ओउम जय।।
जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया।
मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।।
ओउम जय।।
कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला।
चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला।।
ओउम जय।।
ताम्र श्याम घन केशा, शीश जटा बांधी।
सुजन हेतु ऋतु मधुमय, दुष्ट दलन आंधी।।
ओउम जय।।
मुख रवि तेज विराजत, रक्त वर्ण नैना।
दीन-हीन गो विप्रन, रक्षक दिन रैना।।
ओउम जय।।
कर शोभित बर परशु, निगमागम ज्ञाता।
कंध चार-शर वैष्णव, ब्राह्मण कुल त्राता।।
ओउम जय।।
माता पिता तुम स्वामी, मीत सखा मेरे।
मेरी बिरत संभारो, द्वार पड़ा मैं तेरे।।
ओउम जय।।
अजर-अमर श्री परशुराम की, आरती जो गावे।
पूर्णेन्दु शिव साखि, सुख सम्पति पावे।।
ओउम जय।।
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