Download Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics in Hindi PDF
File name | Sukhkarta Dukhharta Aarti | सुखकर्ता दुखहर्ता आरती Lyrics in Hindi PDF |
No. of Pages | 3 |
File size | 0.6 MB |
Date Added | May 03, 2022 |
Category | Religion |
Language | Hindi |
Source/Credits | – |
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Sukhkarta Dukhharta Aarti Lyrics in Hindi
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची,
कंठी झलके माल मुकताफळांची,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,

दर्शनमात्रे मनकमाना पूर्ति,
जय देव जय देव|
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा,
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनकमाना पूर्ति,
जय देव जय देव|
लम्बोदर पीताम्बर फनी वरवंदना,
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना,
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनकमाना पूर्ति,
जय देव जय देव|
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को,
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को,
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव|
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी,
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी,
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव |
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे,
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावी नंदन निशिदिन गुण गावे,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव|
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनकमाना पूर्ति|
त्वमेव माता च पिता त्वमेवा |
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेवा |
त्वमेव विद्या च द्रविणम् त्वमेवा |
त्वमेव सर्वम् मम देव देवा ||
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे|
हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे||
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